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भारतीय प्रशासनिक सेवा (Indian Administrative Services)


भारतीय प्रशासनिक सेवा (Indian Administrative Services) अखिल भारतीय सेवाओं में से एक है। इसके अधिकारी अखिल भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी है। भारतीय प्रशासनिक सेवा (तथा भारतीय पुलिस सेवा) में सीधी भर्ती संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से की जाती है तथा उनका आवंटन भारत सरकार द्वारा राज्यों को कर दिया जाता है।
इन अधिकारियों की सेवा सम्बंधी नियमावली भारत सरकार द्वारा बनायी गई है जिसमें समय-समय पर संशोधन राज्य सरकारों के कार्मिक विभाग से अनापत्ति लेने के उपरान्त किये जाते है।
राज्य सरकार के कार्मिक विभाग द्वारा उक्त नियमावली के अनुसार सेवा संबंधी मामलों का क्रियान्वयन किया जाता है। पदोन्नति, अनुशासनिक कार्यवाही इत्यादि के सम्बन्ध में भारत सरकार द्वारा ही दिशानिर्देश तैयार की जाती है। इन मामलों पर कार्मिक विभाग द्वारा भारत सरकार को आख्या/रिपोर्ट भेजी जाती है। जिस पर भारत सरकार विचार कर राज्य सरकार (कार्मिक विभाग) को मामलों पर कार्यवाही करने का आदेश देती है। तत्पश्चात् कार्मिक विभाग द्वारा भारत सरकार के आदेशों को जारी कर कार्यवाही की जाती है।

इतिहास
ब्रिटिश काल में भारतीय प्रशसनिक सेवाएं , इंडियन सिविल सर्विस या संक्षिप्ति आई.सी.एस नाम जानी जाती थीं। ये ब्रिटिश भारत सरकार द्वारा दी गयीं अभिजात वर्गीय नागरिक सेवाएं थीं, जो अब बदल कर अल्पकालिक नागरिक सेवाओं के रूप में उपस्थित हैं, हालांकि वर्तमान में इनका रूप एकदम भिन्न है।

स्वतंत्रता-पूर्व की सिविल सेवा (कोलोनियल सिविल सेवा)

ईस्ट इंडिया कंपनी के काल में, इन सेवाओं के प्रार्थी, एच.ई.आई.सी.एस (सम्मानित ईस्ट इंडिया कंपनी नागर सेवक) कहलाते थे।
भारत में इस ब्रिटिश स्थापना काल में नागर सेवकों (सिविल सर्वैंट्स) के दो समूह होते थे:
  • "उच्च पदस्थ": जो कम्पनी के साथ कॉन्वेनैंट्स में आये, उन्हें कॉन्वेनैंटेड सेवक कहते थे।
  • "अनकॉन्वेनैंटेड": जो किसी ऐसे अनुबंध में बंधे नहीं थे। यह समूह प्रायः अपेक्षाकृत निम्नस्तर पर तैनात होता था।
यह अनुबंधित होने के कारण उत्पन्न होने वाला भेदभाव, इम्पीरियल सिविल सर्विस ऑफ इंडिया के गठन, जो लोक सेवा आयोग (पब्लिक सर्विस कमीशन 1886–87) की सिफारिश से गठित हुई थी; के बाद समाप्त हो गया। कॉन्वेनेटेड शब्द लम्बी अवधि तक सेवा संलग्न पद के लिये प्रयोग होता रहा।
"इम्पीरियल सिविल सर्विस" नाम को "सिविल सर्विस ऑफ इंडिया" में बदल दिया गया। किन्तु "इंडियन सिविल सर्विस" पद बना रहा।

भारतीय आई सी एस अधिकारी[संपादित करें]

नामपरीक्षा वर्षनियुक्ति वर्ष
सत्येंद्र टैगोर१८६३१८६४
रोमेश दत्त१८६९१८७१
बिहारी लाल गुप्ता१८६९१८७१
सुरेंद्रनथ बैनर्जी (बाद में अयोग्य घोषित)१८६९१८७१
श्रीपाद बाजी ठाकुर१८६९१८७१
आनंदराम बरुआ१८७०१८७२
कृष्ण गोविंद गुप्ता (बाद में सर)१९७११८७३
बृजेंद्रनाथ डे१८७३१८७५
ज्ञानेंद्रनाथ गुप्ता१८९०१८९२
सतीश चंद्र मुखर्जी१८९०१८९२
अकबर हैदरी (वरिष्ठ) (बाद में सर)
राजकुमार बैनर्जी (बाद में सर)
किरण चंद्र डे
शरत कुमार घोष (बाद में सर)१९००१९०२
गुरुसहाय दत्त (ranked ७th in Part I and १st in Part II)१९०३१९०५
एम एस अकबर हैदरी (कनिष्ठ) (बाद में सर)१९१७१९१९
रामचंद टेकचंद शिवदासानी१९१९१९२१
सुकुमार सेन१९१९१९२१
सत्येंद्रनाथ राय
सुभाष चंद्र बोस (resigned १९२१) (ranked ४th)१९२०१९२१
गिरिजा शंकर बाजपेयी (बाद में सर)
ज्वाला प्रशाद श्रीवास्तव (बाद में सर)
बद्रुद्दीन तैयबजी)
सुशील कुमार डे
सैबल गुप्ता
अशोक मित्रा
निर्मल कुमार मुखर्जी१९४११९४३

समकालीन सिविल सेवा[संपादित करें]

अखिल भारतीय सेवाएं
केन्द्रीय सिविल सेवाएं - समूह "ए"
केन्द्रीय सिविल सेवाएं - समूह "बी"
राज्य सेवाएं
Web link : http://upsc.gov.in/




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